राजस्थान में हजारों की संख्या में परिवार है। जो अपना पेट पालने के लिए बहुत कड़ी मेहनत करते हैं। अपने दिन की कमाई से पेट पालने के लिए मजबूर लोगों के लिए सरकार द्वारा इंदिरा रसोई योजना की शुरुआत की गई है।
अशोक गहलोत के मुताबिक प्रति वर्ष 100 करोड रुपए इंदिरा रसोई योजना के तहत खर्च किए जाएंगे। आपको बता दें, इससे पहले राज्य में अन्नपूर्णा रसोई योजना वसुंधरा राजे की सरकार में चलाई जा रही थी। अब इसी को बदल कर एक नए रूप से चलाया जा रहा है और इसका नाम भी इंदिरा रसोई योजना रखा गया है। क्योंकि अब इस योजना को नए सिरे से शुरू किया जाएगा। इंदिरा रसोई योजना से जुड़ी हर जानकारी आज इस आर्टिकल के जरिए आपको बताएंगे।
Rajasthan Indira Rasoi Yojana
राजस्थान सरकार गरीब परिवारों को दो वक्त का खाना प्रदान करने के लिए राज्य में एक नई स्कीम लागू की गई है। इस स्कीम का नाम इंदिरा रसोई योजना रखा गया है। इस योजना के अंतर्गत गरीबों और जरूरतमंदों को केवल ₹8 में बेहतरीन पोस्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस योजना की शुरुआत करके राज्य में कोई भी व्यक्ति भूखा ना सोए इस बात का संकल्प लिया है।
इस योजना के तहत 20 अगस्त से प्रदेश के सभी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को इंदिरा रसोई योजना के अंतर्गत भोजन उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया जा चुका है और 20 अगस्त से इस योजना की शुरुआत हो चुकी है।
अब योजना के अंतर्गत ₹8 में लोग पोस्टिक व शुद्ध भोजन ग्रहण कर पाएंगे। इससे पहले ₹2 में नाश्ता और 5 से ₹8 में खाना अन्नपूर्णा योजना के द्वारा वसुंधरा राजे की सरकार में दिया जा रहा था। हालांकि इंदिरा रसोई योजना में कुछ बदलाव किए गए हैं और इसीलिए इस योजना को पुनः सिरे से शुरू किया है।
इंदिरा रसोई योजना क्या है
यह एक प्रकार की योजना है। जिसके माध्यम से सरकार गरीब परिवारों को खाना कम दाम में उपलब्ध करवाएगी। इंदिरा रसोई योजना जिसके माध्यम से राजस्थान सरकार गरीब व जरूरतमंद लोगों को बड़े सम्मान के साथ ₹8 में खाना उपलब्ध करवाएंगी।
यह योजना अन्नपूर्णा योजना से काफी अलग है क्योंकि अन्नपूर्णा योजना में सड़कों पर वैन गाड़ियों के माध्यम से खाना गरीबों को उपलब्ध कराया जाता था। लेकिन यहां पर स्थाई जगहों पर बड़े सम्मान के साथ खाना दिया जाएगा।
इंदिरा रसोई योजना कब शुरू की गई
22 जून 2020 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इंद्रा रसोई योजना की घोषणा की | इस योजना के अंतर्गत राज्य में गरीब व निर्धन लोगों को सस्ते दाम में पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस योजना का खर्च इस साल के बजट में जाहिर किया है।
Indira rasoi yojna में अब तक 213 निकायों में 358 रसोई का संचालन हो रहा है
इंदिरा रसोई योजना का उद्देश्य
इंदिरा रसोई योजना जिसका मुख्य उद्देश्य गरीब व जरूरतमंद लोगों को खाना प्रदान करना है। राजस्थान सरकार प्रदेश में भुखमरी से मरने वाले लोगों को भोजन उपलब्ध करवाकर भुखमरी से मरने वालों की मृत्यु दर को घटाकर बिल्कुल ना के बराबर करना चाहती हैं। राजस्थान सरकार इस योजना के जरिए प्रतिवर्ष करीब चार करोड़ 87 लाख लोगों को खाना उपलब्ध करवाएगी।
इस योजना के जरिए सरकार उन लोगों को मुख्य रूप से ध्यान में रखेगी जो लोग दिन की कमाई से अपना घर खर्चा नहीं चला पाते हैं। उनके लिए एक टाइम का खाना ₹8 में सरकार उपलब्ध करवाएगी। इतना ही नहीं इस योजना को अन्नपूर्णा योजना से थोड़ा अलग रखा गया है।
Indira rasoi yojana में स्थाई स्थानों पर बड़े सम्मान के साथ गरीब व जरूरतमंद लोगों को खाना परोसा जाएगा। राजस्थान सरकार का मुख्य उद्देश्य लोगों को उचित दाम में पोस्टिक खाना प्रदान करवाना है।
इंदिरा रसोई में क्या क्या मिलता है?
इंदिरा रसोई योजना राजस्थान में भीड़ भाड वाली जगहों जैसे रोडवेज बस स्टैंड, अस्पताल आदि पर स्थायी स्टाल लगाये जायेंगे |
इस योजना के अन्तर्गत मिलने वाली भोजन की थाली में सब्जी , दाल , 4 रोटी शामिल होगी | जिसके साथ ही साथ आचार भी दया जायेगा |
इंदिरा रसोई योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष खर्च
सरकार द्वारा चलाई गई योजना विरोध करो और जरूरतमंदों के लिए भोजन उपलब्ध कराएगी। सरकार की इस नई योजना का खर्चा प्रतिवर्ष 100 करोड रुपए बताया जा रहा है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बैठक में खुद इस योजना की समीक्षा की है और पुर्व मुख्यमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के नाम पर इस योजना का नाम रखा है।
इस योजना का नाम पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के नाम पर इसलिए रखा, क्योंकि उन्होंने अपनी जिंदगी जन सेवा में समर्पित किए थे। ताकि इस योजना को बेहतर रुकने को सफल बनाया जा सके।
इस योजना के जरिए सरकार पूरी रूप से कोशिश में रहेगी, कि प्रदेश के सभी लोगों को खाद्य सुरक्षा और दो वक्त का भोजन उपलब्ध कराया जा सके। राजस्थान सरकार ने इस योजना को लागू करके पूरे देश में एक मिसाल तैनात कर दी है।
सरकार द्वारा इंदिरा रसोई योजना की होगी मॉनिटरिंग
इस विभाग के सचिव भवानी सिंह ने बताया, कि इंदिरा रसोई योजना की आईटी आधारित मॉनिटरिंग सरकार द्वारा की जाएगी। लोगों को इस योजना का फायदा उठाने के लिए कूपन लेना होगा और कूपन लेते वक्त उनके मोबाइल नंबर एस एम एस द्वारा सूचना दी जाएगी।
इसके अलावा इंदिरा रसोई में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे और एक एप्लीकेशन के द्वारा इंदिरा रसोई योजना के अंतर्गत लगाई गई,रसोई की पूरी तरह से निगरानी रखी जाएगी। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा इस योजना को पूरी तरह से सिस्टमैटिक बनाने की पूरी कोशिश की जा रही है।
इंदिरा रसोई योजना में कितने लोगों को मिलेगा लाभ
स्वायत शासन विभाग के सचिव भवानी सिंह देता ने बताया कि यह योजना गरीबों को जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए चलाई गई है। इस योजना के जरिए प्रति वर्ष करीब 4 करोड़ 87 लाख लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जाएगा।
यह योजना जिसके अंतर्गत स्थाई दुकानों पर खाना दिया जाएगा। हालांकि इससे पहले अन्नपूर्णा योजना में वैन गाड़ियों के जरिए लोगों को खाना उपलब्ध कराया था।
सरकार इस योजना का टेंडर किसी भी व्यक्ति को न देकर इस योजना को गैर सरकारी संगठनों के रूप में चलाएगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ऐसी संस्थाओं का चुनाव करने के लिए जिला अधिकारियों को भी मुख्य रूप से निर्देश दे दिए हैं। सरकार का दावा है, कि इस योजना से अधिक से अधिक लोगों को लाभ प्राप्त हो और गरीब परिवारों को दो वक्त का खाना अच्छे से मिल सके।
वैसे देखा जाए, तो इंदिरा रसोई योजना के अलावा अन्य होटलों में खाना बहुत महंगा मिलता है। बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन अस्पतालों में अधिक लोग ऐसे होते हैं। जो बाहर से आए होते हैं। उन्हें भोजन की एक खाली खरीदने के लिए 200 – 250 रुपये देने होते हैं। इसीलिए भीड़भाड़ वाले स्थानों पर इंदिरा रसोई योजना की शुरुआत करें मात्र ₹8 में जरूरतमंद लोगों को खाना उपलब्ध कराया जाएगा।
राज्य सरकार द्वारा प्रति थाली ₹12 की सब्सिडी मिलेगी
नगरीय विकास अधिकारी मंत्री शांति धारीवाल द्वारा इंदिरा रसोई योजना को लेकर एक सूचना दी गई है। इस सूचना में विकास मंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि, राजस्थान सरकार प्रति थाली ₹12 सब्सिडी देगी। शांति धारीवाल ने बताया कि प्रत्येक थाली की कीमत ₹20 है। जिसमें से ₹12 सब्सिडी सरकार द्वारा दी जाएगी और ₹8 व्यक्ति द्वारा वसुले जाएंगे।
इसके साथ ही विकास मंत्री शांति धारीवाल ने यह भी बताया, कि पूरे राज्य में करीब ₹358 खोलने का ऐलान किया जा चुका है। प्रदेश के 213 नगरों में ये रसोईया खोली जाएगी और जरूरतमंद लोगों को सम्मान के साथ कम दाम में पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। भोजन की गुणवत्ता निश्चित करने के लिए राज्य व जिला स्तर पर एक कमेटी का निर्माण भी किया जाएगा। ताकि लोगों को बेहतर से बेहतर खाना प्रदान किया जा सके।
इंदिरा रसोई योजना के अंतर्गत कोरोना बचाव का मुख्य ध्यान रखा जाएगा।
आज का दौर कोरोनावायरस से जूझ रहा है। कोरोनावायरस के चलते इंदिरा रसोई योजना के अंतर्गत खोली जाने वाली रसोई में साफ-सफाई का मुख्य ध्यान रखा जाएगा। इसके अलावा सैनिटाइजेशन एवं खाने के बंटवारे में भी पूरा ध्यान रखा जाएगा किसी भी प्रकार की अव्यवस्था इस योजना में स्वीकार नहीं होगी। यह पूरे देश के लिए बहुत ही कठिन और घातक समय है। कोरोनावायरस महामारी से बचने के लिए हर प्रकार के बचाव साधन इंदिरा योजना में उपलब्ध कराए जाएंगे।
इंदिरा रसोई योजना से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदु
1. इंदिरा रसोई योजना जिसको गैर सरकारी हाथों में नहीं सौंपा जाएगा मतलब यह है, कि किसी भी संस्था के हाथ में इस योजना की कमान नहीं सौंपी जाएगी।
2. योजना का पूरा मैनेजमेंट और मॉनिटरिंग सरकार द्वारा की जाएगी।
3. इस योजना के जरिए नगर पालिका क्षेत्र में दो रसोई नगर परिषद क्षेत्र में 5 रसोई और नगर निगम क्षेत्र में 8 रसोई बनाई जा रही है।
4.इस योजना के जरिए सरकार प्रतिवर्ष 100 करोड रुपए का खर्च उठाएगी। सरकार के आंकड़ों के अनुसार प्रत्येक थाली का चार्ज ₹20 होगा उसमें से ₹12 सब्सिडी सरकार वहन करेगी बाकी के ₹8 व्यक्ति द्वारा वसूले जाएंगे।
5.इस योजना का मुख्य लाभ उन लोगों का होगा जो लोग दो वक्त का खाना समय पर नहीं खा पाते हैं और आर्थिक स्थिति सही नहीं होने की वजह से पौष्टिक खाना नहीं खा पा रहे हैं। उन लोगों के लिए मुख्य रूप से यह योजना चलाई गई है।
6. राज्यों में यह योजना शुरू होने के बाद लोगों को खाना खाने के लिए किसी भंडारे में लाइनों में खड़ा होने की जरूरत नहीं है और ना ही अन्नपूर्णा योजना की तरह सड़कों पर खड़े होकर खाना खाना पड़ेगा। इस योजना के जरिए स्थाई स्थानों पर आदर पूर्वक गरीब परिवारों को खाना परोसा जाएगा।
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इंदिरा रसोई योजना का नया नाम क्या है?
इंदिरा रसोई योजना का नाम श्री अन्नपूर्ण रसोई योजना कर दिया गया है