बैनामा रजिस्ट्री कैसे देखें 2024: यदि आप किसी जमीन की रजिस्ट्री की जानकारी उत्तर प्रदेश में प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको बहुत ही परेशानी सामना करना पड़ता है क्योंकि सरकार द्वारा अभी तक इसकी कोई भी व्यवस्था नहीं की गई थी |
यदि आप किसी की जमीन रजिस्ट्री कराना चाहते हैं और चेक करना चाहते हैं कि जमीन पर कोई विवाद नहीं है जमीन की रजिस्ट्री पहले नहीं हुई है तो आपको जमीनी स्तर पर भागदौड़ करनी पड़ती है
कभी-कभी तो व्यक्ति की ना जानकारी में फर्जी जमीन का भी या सरकारी जमीन का भी दलालों द्वारा बैनामा करा दिया जाता है जब क्रेता को इस बात का पता चलता है तब तक बहुत ही देर हो चुकी होती है
आज इस पोस्ट में bainama online kaise dekhe से संबंधित सभी सवालों के जवाब इस पोस्ट के माध्यम से आपको मिल जाएंगे |
यदि आप किसी जमीन की रजिस्ट्री कराने जा रहे हैं या करा चुके हैं तो उसकी आगे की प्रक्रिया क्या होगी, जमीन की रजिस्ट्री ऑनलाइन चेक UP कैसे करें आदि के लिए इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें |
जमीन की रजिस्ट्री के नियम up
कोई व्यक्ति किसी जमीन को खरीदना चाहता है तो उसे उस जमीन का रजिस्ट्री कराना अनिवार्य है और और जमीन रजिस्ट्री के नियम क्या है उसे जाना आवश्यक जो नीचे दिए गए हैं –
- सबसे पहले एक क्रेता पक्ष और एक विक्रेता पक्ष का होना अनिवार्य है
- जिस जमीन की रजिस्ट्री हो रही है उस जमीन का प्रमाणिक खसरा खतौनी होना अनिवार्य है
- विक्रेता पक्ष द्वारा जमीन की कीमत को रजिस्ट्री करने से पहले क्रेता द्वारा दे दी जाती है
- जमीन की रजिस्ट्री स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग के कार्यालय में होनी चाहिए
- जमीन की रजिस्ट्री के समय 4 गवाहों की जरूरत पड़ती है जिसमें दो क्रेता पक्ष से तथा दो विक्रेता पक्ष से होनी चाहिए
- क्रेता तथा विक्रेता पक्ष के व्यक्तियों का पहचान पत्र जैसे वोटर आईडी कार्ड या आधार कार्ड
- रजिस्ट्री कराते समय रजिस्ट्री शुल्क जिसे संपत्ति कर स्टांप ड्यूटी कहते हैं क्रेता पक्ष द्वारा दिया जाता है
- बैनामा करते समय क्रेता पक्ष था विक्रेता पक्ष दोनों के सभी अंगुलियों के निशान स्टांप पेपर पर लिए जाते हैं
- जमीन की रजिस्ट्री को स्टांप पेपर पर बकायदा नियमानुसार क्रेता पक्ष तथा विक्रेता पक्ष दोनों के विवरण के साथ जमीन का विवरण होता है
- जमीन की रजिस्ट्री के समय स्टांप शुल्क जोकि एरिया के हिसाब से होता है देना होता है
- क्रेता पक्ष तथा विक्रेता पक्ष दोनों व्यक्तियों क्योंकि गवाही रजिस्ट्री अधिकार (रजिस्ट्रार) द्वारा ली जाती है
बैनामा रजिस्ट्री कैसे देखें up
रजिस्ट्री की नकल कैसे निकाले up? बैनामा रजिस्ट्री कैसे देखें ? अक्सर यह सवाल पैदा होता रहता है तो आज इसका जवाब हम आपको दिए देते हैं बैनामा की रजिस्ट्री देखने के लिए आपको नीचे दिए गए कोशिश स्टेप्स फॉलो करने होंगे –
- बैनामा की नकल देखने के लिए आपको इसकी आधिकारिक साइट पर जाना होगा जिसका लिंक नीचे दिया गया है IGRSUP
- अब आपको संपत्ति पंजीकरण कालम में संपत्ति खोजें लिंक पर क्लिक करना होगा जैसा के चित्र में दिखाया गया है
- अब आपको यूजर लॉगइन पेज पर भेज दिया जाएगा जहां पर आप को Registered Here पर क्लिक करना होगा
- अब आपको उपयोगकर्ता पंजीकरण फार्म भरना होगा, जिसने अपने जिला, उपयोगकर्ता का नाम, पासवर्ड, मोबाइल नंबर तथा कैप्चा डालकर प्रवेश करें लिंक पर क्लिक करना होगा
- इस प्रकार आपका रजिस्ट्रेशन सफलतापूर्वक हो जाएगा जिसके जरिए आप लॉगइन करेंगे
- जैसे ही आप अपनी यूजर आईडी और पासवर्ड से लॉगिन करेंगे आपके सामने प्रॉपर्टी सर्च की कई ऑप्शन देखेंगे जैसा की चित्र में दिखाया गया है
- बैनामा की नकल आप कई तरीकों से देख सकते हैं जैसे –
- सम्पत्ति का पता(5 दिसंबर 2017 से पूर्व पंजीकृत विलेखों के विवरण)
- सम्पत्ति का पता(5 दिसंबर 2017 व् उसके बाद पंजीकृत विलेखों के विवरण)
- पंजीकरण संख्या एवं पंजीकरण दिनांक/पंजीकरण वर्ष
- क्रेता का नाम(5 दिसंबर 2017 से पूर्व पंजीकृत विलेखों के विवरण)
- विक्रेता का नाम(5 दिसंबर 2017 से पूर्व पंजीकृत विलेखों के विवरण)
- क्रेता का नाम(5 दिसंबर 2017 व उसके बाद पंजीकृत विलेखों के विवरण)
- विक्रेता का नाम(5 दिसंबर 2017 व उसके बाद पंजीकृत विलेखों के विवरण)
- आप अपनी सुविधा अनुसार ऑप्शन का चयन करें और उस पर क्लिक करें
- अब आपके सामने एक नया पेज खुलेगा जिसमें आपको तो अपनी तहसील और मोहल्ला को चुनते हुए कैप्चा डालना होगा फिर भी विवरण लिंक पर क्लिक करना होगा
- इस प्रकार जमीन की रजिस्ट्री की जानकारी उत्तर प्रदेश क्या पूरा विवरण आपके सामने होगा
रजिस्ट्री कितने प्रकार के होते हैं?
बैनामा रजिस्ट्री प्रत्येक राज्य में अलग-अलग तरह से होता है, परंतु आमतौर पर रजिस्ट्री के प्रकार का वर्गीकरण निम्न भागों में किया जा सकता है
- आवासीय रजिस्ट्री
- कमर्शियल या व्यावसायिक रजिस्ट्री
- लीज एग्रीमेंट
- वसीयत
जमीन की रजिस्ट्री फ़ीस
जमीन रजिस्ट्री की फीस का निर्धारण अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग किया गया है जो वहां की भौगोलिक स्थिति के अनुसार है |
औसतन किसी भी जमीन की रजिस्ट्री की फीस जमीन की कीमत का 6.25% है जो पुरुषों के लिए निर्धारित किया गया है , महिलाओं के लिए जमीन रजिस्ट्री की फीस औसतन 5.20% है |
जमीन रजिस्ट्री की फीस जमीन के प्रकार तथा सर्किल एरिया के आधार पर लगता है जिसका सरकार द्वारा बकायदा चार्ट भी प्रसारित किया जाता है |
दाखिल खारिज की प्रक्रिया क्या है?
जमीन की रजिस्ट्री के बाद निबंधन विभाग द्वारा जमा किए गए शुल्क की जांच की जाती है यदि विक्रेता द्वारा स्टांप ड्यूटी कम दी गई है तो उसे अलग से नोटिस दी जाती है , ताकि बाकी शुल्क को जल्द से जल्द जमा कर दें |
स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग द्वारा रजिस्ट्रेशन की अदायगी सही होने पर क्रेता विक्रेता दोनों पक्षों को राजस्व विभाग द्वारा जमीन की रजिस्ट्री से संबंधित नोटिस जारी की जाती है ताकि यदि उस जमीन से संबंधित कोई विवाद हो या किसी को कोई आपत्ति हो तो उसे दर्ज करा सकते हैं
जारी नोटिस के बाद भी यदि कोई आपत्ति या विवाद नहीं आता है तो राजस्व विभाग दाखिल खारिज की प्रक्रिया शुरू कर देता है जिसमें रजिस्ट्री कराने वाले व्यक्ति का नाम जमीन बेचने वाले व्यक्ति के नाम की जगह कर लिया जाता है |
बैनामा खारिज हो सकता है क्या?
बैनामा हो जाने के बाद राजस्व विभाग द्वारा 45 दिनों के भीतर दाखिल खारिज की प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाता है |
यदि किसी व्यक्ति को बैनामा से आपत्ति है तो रजिस्ट्री के 45 दिनों के अंदर उसको अपने तहसील में जाकर तहसीलदार के पास एक आपत्ती या मुकदमा दर्ज करना होगा, और ठोस कारण देना होगा जिस पर निर्णय लेने का अधिकार तहसीलदार का होगा
रजिस्ट्री और नामांतरण में क्या अंतर है?
रजिस्ट्री हुआ प्रक्रिया है जिसमें स्टांप एवं निबंधन कार्यालय में क्रेता पक्ष तथा विक्रेता पक्ष दोनों की सहमति से क्रेता पक्ष जिस जमीन खरीद रहा है उसका स्टांप शुल्क सरकार को वाहन करता है तथा उसका मालिकाना हक बकायदा नियमानुसार विक्रेता पक्ष की सहमति से प्राप्त करता है
वही दूसरी ओर नामांतरण में कोई रजिस्ट्री शुल्क नहीं देना होता है ना इसमें कोई रजिस्ट्री होती है यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु हो चुकी है तो उसके उत्तराधिकारी एक आवेदन करके अपना नाम मृतक व्यक्ति के स्थान पर करा सकते हैं, व्यक्ति का नाम खसरा खतौनी में राजस्व विभाग द्वारा दर्ज किया जाता है |
नामांतरण कितने दिनों में हो जाता है?
यदि व्यक्ति अपने पुश्तैनी जमीन के मालिकाना हक रखता है और उसके मालिक कान की मृत्यु हो चुकी है तो निमंत्रण के लिए आवेदन कर सकता है , जिसमें लगभग 1 हफ्ते का समय लगता है |
नामांतरण में कितने पैसे लगते हैं?
नामांतरण की प्रक्रिया एक स्वाभाविक प्रक्रिया है जिसमें कोई भी पैसा नहीं लगता है , यह निशुल्क प्रक्रिया है |
नामांतरण में क्या क्या लगता है?
नामांतरण में आपको निम्नलिखित कागजात की जरूरत पड़ सकती है –
- उत्तराधिकारी की पहचान से संबंधित दस्तावेज
- खसरा खतौनी की नकल
- आवेदन पत्र
- मोबाइल नंबर
- आधार नंबर
नामांतरण और दाखिल खारिज में क्या अंतर है?
नामांतरण प्रक्रिया में यदि पिता की मृत्यु हो जाती है तो , उसकी पुत्रों का नाम तथा जी पत्नी होने की दशा में उसका भी नाम उसके खसरा खतौनी में दर्ज किया जाता है |
तथा दाखिल खारिज में रजिस्ट्री के बाद क्रेता का नाम, विक्रेता के नाम की जगह दर्ज किया जाता है |
पिता की जमीन अपने नाम कैसे करें?
पिता के मृत्यु के उपरांत ही उसके पुत्रों द्वारा अपनी जमीन पर अपना मालिकाना हक जताने का अधिकार है | यदि पिता की मृत्यु हो चुकी है तो आपको वरासदा नामांतरण के लिए आवेदन करना होगा जिसके लिए जरूरी कागजात पहचान पत्र खसरा खतौनी की नकल अपने पटवारी लेखपाल के पास जमा करना होगा |
इसके साथ ही पिता की मृत्यु से संबंधित दस्तावेज जैसे मृत्यु प्रमाण पत्र भी देना होगा पटवारी द्वारा इन सब का सत्यापन करने के उपरांत जमीन को आपके नाम कर देगा |
क्या पिता पैतृक संपत्ति बेच सकता है?
जी हां , पिता अपनी पैतृक संपत्ति बेच सकता है यदि कई हिस्सेदार हैं तो उसमें से वह सिर्फ अपने हिस्से की जमीन बेच सकता है बाकी पर उसका कोई अधिकार नहीं होगा |
पिता की संपत्ति पर पुत्र का कितना अधिकार है?
पिता की संपत्ति पर कानूनन पुत्र का कोई भी अधिकार नहीं है, जब तक की वजह साबित कर दें कि उस संपत्ति को बनाने में उसका भी योगदान है |
पिता चाहे तो वह अपनी संपत्ति को अपने पुत्र, पुत्री अथवा किसी अन्य व्यक्ति को भी बेच या दे सकता है |
जमीन की रजिस्ट्री की जानकारी उत्तर प्रदेश के इस पोस्ट के माध्यम से हम नेपाल जानकारी आपको पूरे विस्तार से देने की पूरी कोशिश की है | आशा करता हूं यह पोस्ट आपको पसंद आया होगा यदि आपका कोई सुझाव है तो आप हमें कमेंट कर सकते हैं |
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जमीन की रजिस्ट्री की जानकारी उत्तर प्रदेश से संबंधित प्रश्न
क्या आवासीय भूमि का दाखिल खारिज होता है?
यदि आवासीय भूमि, सरकारी जमीन नहीं है, या आबादी, गोचर, पंचायत भवन आदि से संबंधित नहीं है और व्यक्ति के नाम से उसकी रजिस्ट्री के उपरांत उसका दाखिल खारिज हो सकता है |
मेरे पिता जी ने एक ज़मीन 20 वर्ष पहले खरीदी थी, जमीन मालिक एससी होने के कारण रजिस्ट्री कानूनी नियम के अनुसार नहीं हो पाई। अब जमीन मालिक बोलता है कि हमने जमीन नहीं बेची थी, क्या कोई सुझाव है?
यदि आपके पास पैसे के लेनदेन से संबंधित कोई कागजात है तो आपसी सहमति से आप उस व्यक्ति से समझौता करके जिला अधिकारी के पास आवेदन करके जमीन रजिस्ट्री करा सकते हैं अन्यथा की दशा कोई उपाय संभव नहीं |
जमीन का एग्रीमेंट कैसे लिखा जाता है?
जमीन का एग्रीमेंट लिखते समय क्रेता विक्रेता दोनों पक्षों का पूरा विवरण होता है जमीन का पूरा विवरण जैसे उसकी चौहद्दी उसका एरिया, तथा एग्रीमेंट की अवधि का विवरण होता है
बैनामा के कितने दिन बाद खारिज दाखिल होता है?
बैनामा के 45 दिन बाद खारिज दाखिल होता है
प्लॉट की रजिस्ट्री के बाद दाखिल-खारिज नहीं करवाई जाए, तो क्या कुछ नुकसान होता है?
रजिस्ट्री के बाद यदि लंबे समय तक दाखिल खारिज नहीं कराई जाती है तो , जमीन बेचने वाला किसी दूसरे को भी जमीन बेच सकता है इस दशा में आपको कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ेगी
क्या हमारी किसी जमीन की रजिस्ट्री गुम हो गई हो तो वो जमीन हमारी ही रहेगी क्या?
जी हां , लेकिन मौके पर आपको जिस व्यक्ति के नाम से जमीन है उसके पहचान से संबंधित कागजात प्रस्तुत करने होंगे |
क्या अनुबंध पत्र के द्वारा कोई किसी की जमीन, प्लाट या मकान की रजिस्ट्री करवा सकता है, यदि हाँ तो कैसे?
अनुबंध के आधार पर कोई व्यक्ति किसी जमीन को रजिस्ट्री करवा सकता है लेकिन जिसकी अवधि उसी समय तक के लिए हो सकती है क्योंकि या लीज एग्रीमेंट के तौर पर होगा |
बैनामा कितने वर्ष के लिये मान्य है?
बैनामा करने के बाद कोई भी व्यक्ति उस जमीन का कानूनन मालिक हो जाता है तथा उसकी मृत्यु हो जाने पर उस जमीन पर उसके उत्तराधिकारी का अधिकार होता है |
जमीन का दाखिल खारिज कौन करता है?
पटवारी की संस्तुति पर रजिस्ट्रार कानूनगो दाखिल खारिज के लिए स्वीकृति प्रदान करता है जिसके उपरांत राजस्व विभाग द्वारा दाखिल खारिज की प्रक्रिया कर दी जाती है |